गुरुवार, 10 अक्तूबर 2019

मेरा प्रयाश सबका विकाश

घोषणापत्र

वोट आपका जीत हमारी
आपके सहयोग से इस बार श्रीमती मोहिनी देवी को  ईट  के निशान पर मोहर लगाकर भारी मतो से विजयी बनाये l .....
आपके सहयोग के साथ 


                                          
                                        ग्राम पंचायत और उनके कार्य 
 मुख्य समस्या है जिससे गांव वालों को काफी परेशानिया उठानी पडती है
कृषि संबंधी कार्य 
ग्राम्य विकास संबंधी कार्य 
प्राथमिक विद्यालय, उच्च प्राथमिक विद्यालय व अनौपचारिक शिक्षा के कार्य 
युवा कल्याण सम्बंधी कार्य 
राजकीय नलकूपों की मरम्मत व रखरखाव
 चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सम्बंधी कार्य
 महिला एवं बाल विकास सम्बंधी कार्य 
पशुधन विकास सम्बंधी कार्य
समस्त प्रकार की पेंशन को स्वीकृत करने व वितरण का कार्य 
मस्त प्रकार की छात्रवृत्तियों को स्वीकृति करने व वितरण का कार्य 
राशन की दुकान का आवंटन व निरस्तीकरण पंचायती राज सम्बंधी ग्राम्यस्तरीय कार्य आदि।
ग्राम सभा की पिछली बैठक के प्रस्तावों पर की गई कार्यवाही

शनिवार, 2 मार्च 2019

एटीएम कार्ड पर मिलता है 10 लाख रुपए का बीमा !

ने हमारे जीवन को सरल बना दिया है। अब चौबीस घंटे आप कहीं भी आसानी से रुपए निकाल सकते हैं। एक क्लिक से आसानी से आप कहीं भी रुपए निकाल सकते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि एटीएम का लाभ सिर्फ रुपए निकालने में नहीं बल्कि इससे कई और सुविधाएं मिलती हैं। कई लोगों को एटीएम कार्ड की अन्य सुविधाओं की जानकारी नहीं रहती है। चाहे वह सार्वजनिक बैंक का हो या फिर प्राइवेट बैंक का हो, कार्ड जारी होने की तिथि से ही उसका दुर्घटना या फिर एक्सीडेंटल हास्पिटीलाइजेशन कवर होता है। इस बीमा की दर 50 हजार से लेकर 10 लाख तक हो सकती है। इस नियम की जानकारी न तो खाताधारक होती है और न बैंकें इस नियम का प्रचार करती हैं। इस नियम का फायदा उठाने के लिए खाते का सक्रिय होना आवश्यक है। से बीमा का लाभ उठाने के लिए आवश्यक नियमों की जानकारी भी होनी चाहिए। दुर्घटना होने के तुरंत बाद पुलिस को सूचित करें। पुलिस को दुर्घटना की पूरी तरह से जानकारी दें। अस्पताल में भर्ती होने पर सभी मेडिकल रिपोर्ट पेश करनी पड़ती है।
अगर मृत्यु हो तो : अगर दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पुलिस पंचनामा, मृत्यु प्रमाण पत्र, वैध ड्राइविंग लाइसेंस जमा कराना आवश्यक होता है। यह भी सूचित करना आवश्यक होता है कि कार्डधारक द्वारा पिछले 90 दिनों में लेन-देन किया गया है।
 लेन-देन की सीमा : अधिकतर निजी और सार्वजनिक बैंकें से पांच लेन-देन के बाद चार्ज करती है, लेकिन कुछ बैंकों ने एटीएम से लेन-देन की कोई सीमा नहीं होती है और वे अपने होम एटीएम पर अनलिमिटेड ट्रांजेक्शन की सुविधा देती है। जैसे सार्वजिनक बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ग्राहकों को एटीएम से अनलिमिटेड ट्रांजेक्शन की सुविधा प्रदान करता है लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि खाताधारक का न्यूनतम बैलेंस 25000 रुपए हो। इस तरह कई निजी क्षेत्र की बैंकें भी यह सुविधा प्रदान करती हैं।

मंगलवार, 22 मई 2018

युवा पर्यटन के क्षेत्र में तलाशें स्वरोजगार..

संवाद सूत्र, भिकियासैंण: उत्तराखंड ग्राम्य विकास विभाग एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी ने पहाड़ से हो रहे पलायन को रोकने के उपायों को लेकर विकास खंड सभागार कक्ष में जनप्रतिनिधियों व लोगों से गहन चर्चा कर विचार व सुझाव लिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में नौकरियां सीमित हैं तथा हर व्यक्ति को सरकार नौकरी भी नहीं दे सकती है। इसलिए गांवों में स्वरोजगार के अवसर विकसित कर आत्म निर्भर बना जा सकता है। इसके लिए युवाओं को आगे आना होगा।

उन्होंने वनों पर आधारित रोजगार पर भी चर्चा की एवं युवाओं को पर्यटन के क्षेत्र में अवसर तलाशने के लिए प्रेरित किया। कहा कि पारंपरिक खेती को बढ़ावा देकर पलायन के दर को कम किया जा सकता है। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि जनता से प्राप्त सुझावों को सरकार के सामने रखकर समाधान निकालने की दिशा में कार्य होगा। यह भी कहा कि गांवों में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। इस दौरान ब्लॉक प्रमुख हिमानी नैनवाल, शंकर फुलारा, डॉ. प्रमोद नैनवाल, जिपंस प्रकाश जोशी, लक्ष्मी दत्त नैनवाल, दिनेश घुघत्याल, हेमलता, पूरन मावड़ी, सरस्वती मेहरा, कृपाल सिंह, दीवान भंडारी, नंदन गिरि समेत अपर आयुक्त ग्राम्य विकास डॉ. आरएस पोखरिया, शाकिर हुसैन आदि शामिल थे..युवा पर्यटन के क्षेत्र में तलाशें स्वरोजगार

शुक्रवार, 22 जुलाई 2016

मैं शांति से बैठा अख़बार पढ़ रहा था.........मैं असहिष्णु हो गया हूँ......

मैं शांति से बैठा अख़बार पढ़ रहा था, तभी कुछ मच्छरों ने आकर मेरा खून चूसना शुरू कर दिया। स्वाभाविक प्रतिक्रिया में मेरा हाथ उठा और अख़बार से चटाक हो गया और दो-एक मच्छर ढेर हो गए.!!
फिर क्या था उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया कि मैं असहिष्णु हो गया हूँ.!!
मैंने कहा "तुम खून चूसोगे तो मैं मारूंगा.!! इसमें असहिष्णुता की क्या बात है.???"
वो कहने लगे खून चूसना उनकी आज़ादी है.!!
"आज़ादी" शब्द सुनते ही कई बुद्धिजीवी उनके पक्ष में उतर आये और बहस करने लगे.!!
इसके बाद नारेबाजी शुरू हो गई, "कितने मच्छर मारोगे, हर घर से मच्छर निकलेगा"...
बुद्धिजीवियों ने अख़बार में तपते तर्कों के साथ बड़े-बड़े लेख लिखना शुरू कर दिया.!
उनका कहना था कि मच्छर देह पर मौज़ूद तो थे लेकिन खून चूस रहे थे ये कहाँ सिद्ध हुआ है.? और अगर चूस भी रहे थे तो भी ये गलत तो हो सकता है लेकिन 'देहद्रोह' की श्रेणी में नहीं आता, क्योंकि ये "बच्चे" बहुत ही प्रगतिशील रहे हैं, किसी की भी देह पर बैठ जाना इनका 'सरोकार' रहा है.!!
मैंने कहा मैं अपना खून नहीं चूसने दूंगा बस.!
तो कहने लगे ये "एक्सट्रीम देहप्रेम" है.! तुम कट्टरपंथी हो, डिबेट से भाग रहे हो.!!
मैंने कहा तुम्हारा उदारवाद तुम्हें मेरा खून चूसने की इज़ाज़त नहीं दे सकता.!
इस पर उनका तर्क़ था कि भले ही यह गलत हो लेकिन फिर भी थोड़ा खून चूसने से तुम्हारी मौत तो नहीं हो जाती, लेकिन तुमने मासूम मच्छरों की ज़िन्दगी छीन ली.!"फेयर ट्रायल" का मौका भी नहीं दिया.!
इतने में ही कुछ राजनेता भी आ गए और वो उन मच्छरों को अपने बगीचे की 'बहार' का बेटा बताने लगे.!!
हालात से हैरान और परेशान होकर मैंने कहा कि लेकिन ऐसे ही मच्छरों को खून चूसने देने से मलेरिया हो जाता है, और तुरंत न सही बाद में बीमार और कमज़ोर होकर मौत हो जाती है.!!
इस पर वो कहने लगे कि तुम्हारे पास तर्क़ नहीं हैं इसलिए तुम भविष्य की कल्पनाओं के आधार पर अपने 'फासीवादी' फैसले को ठीक ठहरा रहे
हो..!!
मैंने कहा ये साइंटिफिक तथ्य है कि मच्छरों के काटने से मलेरिया होता है, मुझे इससे पहले अतीत में भी ये झेलना पड़ा है.!
साइंटिफिक शब्द उन्हें समझ नहीं आया !
तथ्य के जवाब में वो कहने लगे कि मैं इतिहास को मच्छर समाज के प्रति अपनी घृणा का बहाना बना रहा हूँ, जबकि मुझे वर्तमान में जीना चाहिए..!
इतने हंगामें के बाद उन्होंने मेरे ही सर माहौल बिगाड़ने का आरोप भी मढ़ दिया.!!!
मेरे ख़िलाफ़ मेरे कान में घुसकर सारे मच्छर भिन्नाने लगे कि "लेके रहेंगे आज़ादी".!!!
मैं बहस और विवाद में पड़कर परेशान हो गया था., उससे ज़्यादा जितना कि खून चूसे जाने पर हुआ था.!!!
आख़िरकार मुझे तुलसी बाबा याद आये: "सठ सन विनय, कुटिल सन प्रीती...."।
और फिर मैंने काला हिट उठाया और मंडली से मार्च तक, बगीचे से नाले तक उनके हर सॉफिस्टिकेटेड और सीक्रेट ठिकाने पर दे मारा.!!!
एक बार तेजी से भिन्न-भिन्न हुई और फिर सब शांत.!!
उसके बाद से न कोई बहस न कोई विवाद., न कोई आज़ादी न कोई बर्बादी., न कोई क्रांति न कोई सरोकार.!!!
अब सब कुछ ठीक है.!! यही दुनिया की रीत है.!!!