Shailesh Nailwal (Uttrakhand Almora)
बुधवार, 21 अक्तूबर 2015
आदमी की सोच और नसीहत समय समय पर बदलती रहती है।चाय में मक्खी गिरे तो चाय फेंक देते हैं । देशी घी में गिरे जाये तो मक्खी को फेंक देते हैं।
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